
कोरोना का खौफ हुआ खत्म, 95 प्रतिशत लोग नहीं लगा रहे मास्क
बाजार, बैंक, दुकान, सहित सार्वजनिक स्थलों पर दिख रही लोगों की भीड़
तीसरी लहर को दे रहे न्यौता, लोग मास्क लगाना भूले
बलौदाबाजार
फागुलाल रात्रे,लवन।
कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। संक्रमित मरीजों की संख्या भले ही कम हो गई है, लेकिन मरीजों के मिलने का सिलसिला थम नहीं रहा है। पिछले 17 दिनों में बिलाईगढ़ ब्लाॅक में 47 मरीजों की पुष्टि हुई थी। बलौदाबाजार के अन्य ब्लाॅकों में मरीज मिल रहे है। वही, कोविड टीका आने के बाद लोगों में इसका खौफ कम हो गया है। लोग सार्वजनिक स्थलों पर भी मास्क नहीं लगा रहे है। शहरों में लगभग 95 प्रतिशत लोग बिना मास्क के घूमते दिखते है, सरकारी कर्मचारी कोरोना नियमों का पालन करते हुए लापरवाह नजर आ रहे है।
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के साथ लोग इसकी भयावहता से अनजान होते जा रहे है। उन्हें न तो संक्रमण का डर है और न ही खुद और परिवार के जान की फिक्र। जबकि संक्रमण से बचने चिकित्सक मास्क लगाने और सामाजिक दूरी का पालन की सलाह दे रहे है। इसके बावजूद लोग बीमारी के खतरे से अनजान बने हुए है। बाजार, दुकान, बैंक सहित अन्य जगहों पर लोग बगैर मास्क के देखे जा सकते है। शासन स्तर से बार-बार आदेश भी दिया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क लगाने के नियम का कड़ाई से पालन कराय जाए। मगर आदेश का पालन कराने वाले खुद अनजान है तो आम जनता को कैसे जागरूक करेंगे।
जगह-जगह इतनी भीड़ दिखेगी तो वैक्सीन भी काम नहीं करेगी। संक्रमण की रफ्तार कम कम होने के बाद लोगों ने फिर लापरवाही बरतनी शुरू कर दी है। बैंकों में लोग नियमों की जमकर धज्जियां उडा रहे है। अधिकांश लोग बिना मास्क के ही घुम रहे है। मानो जैसे कोरोना अब पूरी तरह खत्म हो गया हो। लोगों की इस लापरवाही से संक्रमण का खतरा धीरे-धीरे बढ़ता नजर आ रहा है। 95 प्रतिशत लोगों ने मास्क लगाना ही छोड़ दिया है। कहीं भी संक्रमण से बचाव पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जो एक बार फिर बड़ा संकट का रूप ले सकता है।
संक्रमण के बीच कोरोना से बचाव के लिए टीका आने के बाद लोग और बेखौफ हो गए है। अब उन्हें डर नहीं लग रहा है। लोगों को लगता है कि टीकाकरण के बाद से खतरा खत्म हो गया है। अब कम लोग ही मास्क लगाकर निकल रहे है। अफसर भी कहीं सख्ती करते नहीं दिख रहे है। पिछले साल मार्च 2020 में जब कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ा था तब बलौदाबाजार सुरक्षित दिख रहा था। अचानक बाहरी राज्यों से आने वालों की संख्या बढ़ी तो वायरस पूरे जिले में फैल गय।
वर्तमान में भले ही केस कम निकल रहे है। लेकिन वैक्सीनेशन शुरू हो जाने के बाद लोग बेपरवाह होकर निकलने लगे है। शारीरिक दूरी का कही पालन नहीं हो रहा है। मास्क से लोग गुरेज करने लगे है। लेकिन, खतरा अब भी बरकार है। बैंको में दुकानों ग्रामीण अंचल के सब्जी बाजारों में भीड़ को देखने से ऐसा लगता है कि किसी भी व्यक्ति को कोरोना का कोई डर नहीं है। इक्के-दुक्के लोग ही मास्क लगाकर निकलते है।
वही, अब दुकानदार भी मास्क नहीं लगाते और न ही सभी प्रतिष्ठानों पर सैनिटाइजर का उपयोग हो रहा है। कोरोना का प्रकोप सभी झेल चूके है, इसलिए नई लहर की आशंका को हल्के में नहीं लेना चाहिए। प्रशासन को भी सख्ती बरतनी होगी और आम आदमी को खुद और परिवार के सदस्यों की सुरक्षा का ख्याल रखना होगा।
शासन ने मास्क न लगाने पर जुर्माना लगाने का प्रावधान किया था। कुछ दिनों तक कार्यवाही हुई तो अधिकतम लोग मास्क लगाकर निकलने लगे। लेकिन टोका टाकी खत्म होने से लोगों ने भी मास्क लगाना छोड़ दिया है। वही, कोरोना की तीसरी लहर को लेकर पिछले कई दिनों से कयास लगाए जा रहे है कि क्या आएगी तीसरी लहर ? कब आएगी तीसरी लहर ? अब कोरोना तीसरी लहर को लेकर जो जानकारी मिल रही है उसके बाद सतर्क हो जाने की जरूरत है।